केएमसी के साथ दिया जा रहा स्तनपान का संदेश
1 min readसौरभ पाण्डेय की रिपोर्ट
बीते 16 माह में 1399 नवजातों को मिला लाभ
महराजगंज:- जनपद के जिला अस्पताल में स्थित कंगारू मदर केयर ( केएमसी) सेंटर में नवजात भटक को आवश्यकतानुसार केएमसी देने के साथ-साथ उनकी माताओं को स्तनपान का संदेश दिया जा रहा है। उन्हें केएमसी के साथ-साथ स्तनपान के तौर तरीके को भी बताया जा रहा है।
सीएमएस डाक्टर आरबी राम का कहना है कि बीते 16 माह में 1399 नवजातों को केएमसी सुविधा दी गई, उनके परिवार को स्तनपान के प्रति जागरूक किया गया है।
स्टाफ नर्स सीमा चौहान व चंदा चौधरी ने बताया कि कम वजन अथवा समय से पहले पैदा हुए नवजातों के उचित देखभाल के लिए प्रसूता व नवजात दोनों को कंगारू मदर केयर यूनिट में रखा जाता है।
नवजातों का तापमान मेनटेन करने के लिए प्रतिदिन मां की छाती से लगाकर रखना होता है। इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है। केएमसी द्वारा मां का दूध ठीक से होता है। जो बच्चे का वजन बढ़ाने में सहायक होता है। इससे मां और बच्चे का रिश्ता मजबूत होता है।
सोनिया बरवा निवासीनी 28 वर्षीया ममता अपने छह दिन के नवजात को लेकर भर्ती है। उसने बताया कि दो-दो घंटे के अंतराल पर नवजात को दूध पिलाने के लिए दिया जाता है। बच्चे के शरीर का तापमान मेनटेन करने के लिए छाती से लगाने को भी कहा जाता है।
केएमसी द्वारा बच्चे को पहनाने के लिए हगिज और मुंह पोछने के लिए रूमाल भी निःशुल्क दिया जाता है। इसी प्रकार गोरखपुर जिले के कैम्पियरगंज क्षेत्र की ग्राम सिकंदरपुर निवासी 26 वर्षीया सीमा ने बताया कि वह अपने तीन दिन के नवजात के साथ केएमसी में भर्ती है। बच्चा पैदा होने के बाद से उसे स्तनपान के लिए तरस तरह के तौर तरीके, सावधानी एवं स्तनपान की महत्ता के बारे में विस्तार से बताया गया। कम से कम छह माह तक स्तनपान कराने के लिए प्रेरित भी किया गया। जिसे हर हाल में अमल में लाया जाएगा।
जिला अस्पताल में आठ बेड वाले केएमसी में कुल छह महिलाएं अपने नवजातों के साथ भर्ती हैं, जो चिकित्सकों व स्टाफ नर्सों की उचित देखभाल में हैं।
क्या है केएमसी की व्यवस्था
महराजगंज। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर आरबी राम ने बताया कि कंगारू जिस तरह से अपने नवजात को अपने थैली में रखता है, और पूर्ण विकसित होने पर उन्हें थैली से बाहर निकालता है,इसी तरह यहां भी मां को अपने नवजात को सीने से लगाकर रखना होता है।इसके लिए विशेष प्रकार की कुर्सी व बेड होता है। केएमसी का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं को सुरक्षा कवच के साथ ममता का स्पर्श देना है।
एक बार में एक दो घंटा तथा दिन भर में 6 से 8 घंटे मां अपने नवजात कंगारू थेरेपी देती है, इससे मां में दूध बढ़ता है तथा नवजात में सुरक्षात्मक गुणों का विकास होता है।